सुनील मिश्रा @ भोपाल। मध्य प्रदेश में संस्थागत प्रसव बढऩे के साथ सीजर से होने वाली डिलेवरी की संख्या भी बढ़ रही है। प्राइवेट की अपेक्षा सरकारी अस्पतालों में सीजर डिलेवरी ज्यादा हो रही हैं। स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी किए गए हैल्थ बुलेटिन में यह हकीकत सामने आई है। सीजर के मामले में राजधानी भोपाल सबसे आगे है। जबकि, ग्वालियर दूसरे स्थान पर है। यहां सीजर 30 फीसदी तक हुए हैं। अलीराजपुर और डिंडोरी में सीजर की दर एक प्रतिशत से भी कम है।
प्रदेश में अप्रैल से जून तक 30998 सीजर डिलेवरी हुई। इनमें से 16751 सरकारी अस्पतालों में और 13647 प्राइवेट अस्पतालों में हुई। इस प्रकार इन तीन महीनों में सरकारी अस्पतालों में प्राइवेट से ज्यादा सीजर ऑपरेशन हुए हैं।
उपसंचालक मेटरनल हैल्थ डॉ. अर्चना मिश्रा के अनुसार डिलेवरी के समय कॉम्पलीकेशन होने पर ही सीजर किया जाता है। सरकारी अस्पतालों में सबसे ज्यादा डिलेवरी नॉर्मल ही होती हैं।
सरकारी व प्राइवेट अस्पतालों में डिलेवरी
जिला संस्थागत प्रसव सरकारी में प्राइवेट में
भोपाल 11222 7870 3352
इंदौर 15535 7222 8313
ग्वालियर 9107 6532 2575
जबलपुर 7306 6638 668
इसलिए बढ़े मामले
सुल्तानिया जनाना अस्पताल के अधीक्षक डॉ. करन पीपरे के अनुसार शहरों में सीजर इसलिए बढ़ रहे हैं क्योंकि, गर्भवती महिलाएं शारीरिक श्रम बिल्कुल नहीं करती हैं। इससे कॉम्पलीकेशंस ज्यादा बढ़ते हैं। इन कारणों से होता है सिजेरियन…
– यदि गर्भ में पल रहे बच्चे का सिर और शोल्डर बड़े हों।
– सोनोग्राफी में बच्चे के गले में नाल उलझी हुई दिखती है।
– गर्भवती महिला को उच्च रक्तचाप के कारण एक्लेंपशिया या झटके आ रहे हों।
– गर्भ में दो या उससे अधिक बच्चे हों। कंजीनाइटल मरीज, जिसमें बच्चे के तीन पैर, तीन हाथ या दो सिर आदि हों।
– महिला को प्रसव के दर्द से राहत दिलाने परिवार के लोग भी कराते हैं।
Hindi News / Bhopal / FACT: यहां प्राइवेट से ज्यादा सरकारी हॉस्पिटल में हो रही सिजेरियन डिलेवरी